Shayari – 17


ज़िंदगी ने मुझसे कई बार रुसवा किया।

पर मैंने ज़िंदगी से हर बार कहा

ए ज़िंदगी, चल एक बार और सही…

चल एक बार और सही।

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-Ashish Kumar

Shayari – 13


ज़िन्दगी और जीवन में भी कोई फर्क है क्या ?

शायद हो भी सकता है।

कहीं ऐसा तो नहीं …

ज़िन्दगी वो है जो हम सोचते हैं और जीवन वो है जो हम जीते हैं।

  • Ashish Kumar