ज़िन्दगी मिली है , जीना तो परेगा ही ।
थोरा ही सही आँसू , पीना तो परेगा ही ।
राह में मुश्किलों का सामना करना तो परेगा ।
हिम्मत अगर जवाब दे दे तो उसे समझाना तो परेगा ।
बेवक्त और बेवजह शोर से घबराना है नहीं ।
इस अस्वीकृत शोर को मिटाना तो परेगा ही ।
आशा की उम्मीद कभी ख़त्म न होने पाए ।
दिल की उमंग कभी जवाब न देने पाए ।
बस ज़रुरत है सिर्फ ” चाह ” की ।
खुल जाएगी द्वार हर ” राह ” की ।
कुछ पाने के लिए कुछ खोना तो परेगा ही ।
कम या ज्यादा पसीना बहाना तो परेगा ही ।
ज़िन्दगी मिली है , जीना तो परेगा ही ।
थोर ही सही आँसू , पीना तो परेगा ही ।
– आशीष कुमार