Shayari – 13


ज़िन्दगी और जीवन में भी कोई फर्क है क्या ?

शायद हो भी सकता है।

कहीं ऐसा तो नहीं …

ज़िन्दगी वो है जो हम सोचते हैं और जीवन वो है जो हम जीते हैं।

  • Ashish Kumar

Shayari – 12



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हस्ते चेहरे देखकर,  मैंने भी हसने का सोचा।

चल पड़ा मुस्कान खरीदने,  बनावटी मुस्कुराहट के बाजार में।

मालूम नहीं था सच्ची मुस्कुराहट मिलती नहीं।

– Ashish Kumar