Month: August 2012
प्यार का दर्द |
इक दिया जला पानी में |
मुसलाधार बारिश के मौसम में |
चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी के आवागमन में |
डूबते हुए सारे सपनों के भंवर में |
इक दिया जला पानी में |
बादलों की गर्गाराहट में |
तेलों के अभाव में |
मुश्किलों के भवसागर में |
इक दिया जला पानी में |
खाबों की डूबती हुई नैय्या में |
रिश्तों के टूटते ज़ख्म में |
चोटिल हुए शरीर के अंग में |
फिर भी …
इक दिया जला पानी में |
सूरज की किरणों को देखकर |
आँखों में उम्मीद की लहरें फिर जाग उठी |
मन में अचानक इक ख्याल आया ,
क्यूँ न फिर से ” इक दिया जलाएं पानी में ” |
राह कठिन हैं बहुत |
मुश्किलें तो आएंगी |
सहना भी परता है बहुत |
सफलता तभी तो मिलेगी |
अंधेरों को चीरकर |
समंदर में दौड़कर |
रेगिस्तान में वर्षा लाकर |
आओ अब …
” इक दिया जलाएं पानी में “…
– आशीष कुमार