कुछ करते हैं |
ख्वाबों को हटा के |
ग़मों को भुला के |
नयी राह बना के |
ज़िन्दगी में आगे बढ़ते हैं |
चलो कुछ करते हैं |
कुछ करते हैं |
दुःख के पलों को चोर के |
अनचाही यादों को जला के |
किस्मत के मार को हरा के |
नयी रौशनी तलाशते हैं |
चलो कुछ करते हैं |
कुछ करते हैं |
दिल की आवाज़ सुन के |
दूसरों के दुखों को मिटा के |
अपने आप से बात कर के |
ज़िन्दगी का मज़ा लेते हैं |
चलो कुछ करते हैं |
कुछ करते हैं |
बिगड़ी किस्मत को बदल के |
ऐसी राह पकड़ते हैं |
तूफ़ान भी घबरा जाये |
ऐसा कुछ सोचते हैं |
मौसम के हर मिजाज को |
मुश्किलों को हरा के |
खुद पे भरोसा रख के |
विश्वास का दामन थाम के |
ज़िन्दगी से लरते हैं |
चलो कुछ करते हैं |
चलो कुछ करते हैं |
– Ashish Kumar
Nice one.
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Thank you so much Asha ☺️
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बङी प्रेरक कविता।
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Bahut bahut shukriya… 🙂
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Welcome .
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🙂
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So beautiful piece
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Thank you so much. Glad you appreciated it. 👍😃
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Pleasure always for beautiful stuff
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That’s so nice to hear from you. Humbled. 🙂
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बहुत खूब।
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Shukriya Shikha. Glad you liked it. Thanks a lot for reading and appreciating the poem. 😊👍
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